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जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ।
एक दिन दयावन्त चार भुजा धारी
मस्तक सिन्दूर सोहे मुसे की सवारी ।
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डू अन का भोग लागो सन्त करे सेवा ।
अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया ।
हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
' सूरश्याम ' शरण आए सुफल कीजे सेवा ।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ।
विध्न - हरण मंगल - करण, काटत सकल कलेस
सबसे पहले सुमरिये गौरीपुत्र गणेश ।
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